CORIANDER NAMDHARI SURABHI

CORIANDER NAMDHARI SURABHI

NAMDHARI SEEDS

வகை: Seed

விற்பவர்: SHREE SHYAM KRISHI SEVA KENDRA

₹ 329.00

1 kilogram

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NAMDHARI SEEDS

வகை: Seed

விற்பவர்: SHREE SHYAM KRISHI SEVA KENDRA

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தயாரிப்பு பற்றிய விவரம்

यह धनिया के एक उच्च प्रजाति का हाइब्रिड बीज है। यह सबसे ज्यादा तेजी से बढ्ने वाला पौधा होता है। इसके खेती के लिए मिट्टी का पीएच 6.5 -8 होना आवश्यक है। इसके अच्छे उत्पादन के लिए शुष्क व ठंडा मौसम अनुकूल है। भारत में इसकी खेती विभिन्न राज्यों में की जाती है जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात इत्यादि । तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: खरीफ, रबी और हल्की गर्मी मिट्टी: काली मिट्टी , पीली मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी पहली फसल: बुआई के 35 दिन बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा : 5-6 किलो/एकड़ पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 20 सेमी पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 15 सेमी बुवाई की गहराई: 1सेमी से कम विशेषता: रंग : हरा चौड़ी एवं सुगन्धित पत्तियां तेजी से बढ़ने वाले पौधे इसके पौधे अधिक तापमान में अच्छी उपज करते है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इसके एक तने से काफी शाखाएं निकलती है। उपज -50-60 क्विंटल प्रति एकड़ खेत की तैयारी कैसे करें : - सबसे पहले खेतों की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। जुताई के समय अगर भूमि में पर्याप्त जल न हो तो भूमि की तैयारी में पलेवा का उपयोग करे एवं क्यारियों (सिंचित फसल के लिए) का निर्माण करें। - धनिया की बुवाई पंक्तियों मे करना अधिक लाभदायक है। इसके बाद आखिरी जुताई में करीब 15 से 20 टन गोबर या कम्पोस्ट की सड़ी खाद खेत में डालें। - बुवाई से पहले बीजों को दो टुकड़ो में करें और उचित दूरी पर बोएं। बीजों को बुवाई के 12 घंटे पहले पानी में भिगो दें। उर्वरक का सुझाव : - कोर्रिएंडर की खेती में नाइट्रोजन 40 किलो, 20 किलो पोटाश तथा 20 किलो सल्फर की मात्रा को प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। - कोरिएंडर की खेती में नाइट्रोजन का उपयोग विभिन्न चरणों में करें।सर्वप्रथम बुवाई के समय, दूसरी फूलों के आने पर एवं अंतिम खुराक कटाई के समय करें। खाद देते समय इस बात का ध्यान रखे की खाद हमेशा बीज के नीचे ही डालें। - बुवाई के 15 से 20 दिन बाद 20 मि.ली. टराईकोटानोल हारमोन को 20 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें इससे पौधे तेजी से विकास करते है। - इसके अलावे फसल के अच्छे ओर तेज विकास के लिए नाइट्रोजन, पोटाश्यिम और फासफोरस की उचित मात्रा को पानी में मिलाकर बुवाई के 20 दिनों के बाद स्प्रे करें। - बेहतर पैदावार के लिए 50 मि.ली. बरासीनोलाइड को 150 लीटर का प्रयोग पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। - पौधे का सम्पूर्ण विकास हेतु 45 ग्राम मोनो अमोनियम फासफेट 12:61:00 को 15 लीटर पानी में घोलकर पौधों के तनों के ऊपर छिड़काव करें। कीटनाशक का सुझाव - पौधे को एफिड्स कीटों से बचाने के लिए मिथाइल डेमेटोन 20 ईसी 2 मिली / लीटर या डाइमेथोएट 30 ईसी 2 मिली / लीटर की दर से छिड़काव करें। - उकठा रोग पौधों में कवक के द्वारा फैलता है और इस रोग के कारण पौधे मुरझा जाते है। इसके उपचार के लिए बीजों का उपचार स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 10 ग्राम / किग्रा के साथ करें और मिट्टी में पीएफ 1 का उपयोग 5 किग्रा / हेक्टेयर के हिसाब से डालें। - धौरिया रोग में प्रारंभिक अवस्था में पत्तियों एवं शाखा सफेद चूर्ण की परत जम जाती है एवं पत्तियां पीली पड़कर सूख जाती है । - बीजों को कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यू पी 3 ग्रा./कि.ग्रा. या ट्रायकोडरमा विरडी 5 ग्रा./कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें तथा कार्बेन्डाजिम 2.0 एमएल/ली. या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23 एस सी 1.0 ग्रा./ली. की दर से घोल बनाकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें।


தயாரிப்பு விவரங்கள்

பூர்வீக நாடு:

India

Quantity:

1 kilogram

பிராண்டு:

NAMDHARI SEEDS


Additional details

Contact details - email:

tech-support@agrevolution.in


விற்பனையாளர் விவரங்கள்

SHREE SHYAM KRISHI SEVA KENDRA

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