GAPL
ਸ਼੍ਰੇਣੀ: Seed
ਵਿਕਰੇਤਾ: Mohammadpur Pragati Producer Company Ltd.
3 kilogram
GAPL
ਸ਼੍ਰੇਣੀ: Seed
ਵਿਕਰੇਤਾ: Mohammadpur Pragati Producer Company Ltd.
3 kilogram
यह एक हाइब्रिड किस्म का धान का बीज है। इसके पौधे का तना मजबूत होता है जिससे इसकी फसल आसानी से नहीं गिरती है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: 15 मई-15 जून मिट्टी: बलुई दोमट मिट्टी, चिकनी दोमट मिट्टी पहली फसल: बुवाई के 115-120 दिन बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा: 6-8 किग्रा पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 20-22 सेमी पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 15 सेमी बुवाई की गहराई: 2-3 सेमी विशेषता: अनाज का रंग: पीला चावल का रंग: सफेद आकार: पतला लंबा पौधे की ऊंचाई: 95-100 सेमी उपज क्षमता: 4.2- 6.5 टन प्रति हेक्टेयर इसके दाने चमकदार और खुशबूदार होते हैं। यह चावल खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। इससे अच्छी गुणवत्ता वाली अधिक उपज प्राप्त होती है। इस किस्म के चावल की विदेशी बाजार में भी अच्छी मांग है। खेत की तैयारी कैसे करें: - धान की खेती के लिए 2 से 3 बार जुताई करें। जुताई के समय पानी का स्तर 2.5 सेमी रखें। खेतों की मजबूत मेड़बन्दी करें इससे वर्षा का पानी भी अधिक समय तक संचित रहता है। - अच्छी पैदावार के लिए आखिरी जुताई के समय 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर की सड़ी खाद खेतों में मिला लें। - यदि हरी खाद के रूप में ढैंचा/सनई का प्रयोग कर रहे हैं तो इसकी बुवाई के साथ ही फास्फोरस का भी प्रयोग करें। - धान की बुवाई/रोपाई के लिए एक सप्ताह पहले ही खेत की सिंचाई कर लें। अगर खेत में खरपतवार ज्यादा है तो बुवाई से ठीक पहले एक बार पानी भरकर खेत की जुताई कर लें। उर्वरक का सुझाव: - धान के लिए एन:पी:के को 50:12:12 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से डालने के लिए 110 किग्रा यूरिया, 75 किग्रा एसएसपी और 20 किग्रा एमओपी प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। - खेतों में खाद के प्रयोग से पहले मिट्टी की जांच करवा लें। फास्फोरस और पोटाश का प्रयोग तभी करें यदि मिट्टी की जांच में इनकी कमी पाई जाती है। - अगर डीएपी का प्रयोग करना हो तो 100 ग्राम यूरिया, 27 किग्रा डीएपी और 20 किग्रा एमओपी प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। - आखिरी जुताई से पहले नाइट्रोजन की एक तिहाई खुराक एवं फास्फोरस और पोटाश की पूरी खुराक डाल लें। नाइट्रोजन की दूसरी खुराक रोपाई के तीन सप्ताह बाद डालें और दूसरी खुराक के तीन सप्ताह बाद नाइट्रोजन की पूरी खुराक डाल लें। नीम कोटिड यूरिया का प्रयोग करें इससे नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है। - जिंक की कमी को पूरा करने के लिए 25 किग्रा जिंक सल्फेट हैप्टाहाइड्रेट या 16 किग्रा जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में प्रयोग करें। - पानी की कमी के चलते रोपाई के लगभग तीन सप्ताह बाद नई पत्तियां पीली या सफेद दिखने लगती हैं। तुरंत सिंचाई करें और 1 किग्रा प्रति फेरस सल्फेट को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब सप्ताह के अंतराल पर दो या तीन बार छिड़काव करें। रोग एवं कीट नियंत्रण: - पौधे का टिड्डा: इसके प्रकोप से फसल का रंग भूरा हो जाता है एवं उस पर कज्जली फफूंद दिखाई देती हैं। इसके नियंत्रण के लिए 126 मिली डाइक्लोरवॉस या 400 ग्राम कार्बरील को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें, या 40 मिली इमिडाक्लोरोपिड को या 400 मिली क्विनलफॉस 25 ईसी या 1 लीटर क्लोरपायरीफॉस को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। - धान का कीट: यह पत्तियों में छेद करता है जिससे पत्तियों में सफेद धारियां बन जाती हैं। इससे बचाव के लिए 120 मिली पैराथियान या 400 मिली क्विनलफॉस 25 ईसी को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें। - पत्ता लपेट सुंडी: यह पत्तियों को मोड़ देता है और पौधे के तंतुओं को खा जाता है। इससे बचाव के लिए 170 ग्राम हाइड्रोक्लोराइड या 350 मिली ट्राइजोफॉस या एक लीटर क्लोरपायरीफॉस को 100 लीटर पानी में मिलाकर के प्रति एकड़ के हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें। - झूठी कांगियारी: इस रोग में हर दाने के ऊपर हरे रंग की परत जम जाती है। जब बालियां बननी शुरू हो जाएं उस समय 500 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 10 दिनों के अंतराल पर 200 मिली टिल्ट 25 ईसी को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
ਮੂਲ ਦੇਸ਼:
India
Quantity:
3 kilogram
ਬ੍ਰਾਂਡ:
GAPL
Contact details - email:
tech-support@agrevolution.in
ਇਹ ਵਿਕਰੇਤਾ ਆਰਡਰ ਰੱਦ ਕਰਨ ਦੀ ਪੇਸ਼ਕਸ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ
ਇਹ ਵਿਕਰੇਤਾ ਵਾਪਸੀ ਵਿਕਲਪ ਦੀ ਪੇਸ਼ਕਸ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ
ਕਿਸੇ ਵੀ ਉਤਪਾਦ-ਸੰਬੰਧੀ ਸਵਾਲਾਂ ਜਾਂ ਮੁੱਦਿਆਂ ਵਾਸਤੇ, ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਵਿਕਰੇਤਾ ਨਾਲ ਸਿੱਧਾ ਸੰਪਰਕ ਕਰੋ